अरसा हो गया था कुछ भी ब्लोग किये हुए तो सोचा कुछ लीख देते है
तो आप लोगो के समक्ष मै अपनी नयी रचना लेके हाजिर हुआ हूँ
उम्मीद है आपको पसंद आएगी
कोई नाम दूं
सोचता हूँ तुम्हे कोई नाम दूं
सोचता हूँ मगर क्या नाम दूं
रूबरू पाके तुमको मै हैरान हूँ
ख्वाब को अपने मै क्या नाम दूं
दिल कहूं या धड़कन कह दूं
ज़िंदगी जैसा तुमको कोई नाम दूं
अदा कहूं नजाकत कह दूं
शोखी भरा कोई नाम दूं
बादल कहूं या बरखा कह दूं
बरसती मेघा सा कोई नाम दूं
आँचल कहूं पुरवा कह दूं
महकती 'खुशबु ' सा कोई नाम दूं
इश्क है तुमसे तुमसे यह चाहता हूँ
'प्यार ' जैसा तुम्हे कोई नाम दूं